पटना में हुए Ranji Trophy के मैच में हुई गजब स्थिति ने क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया है। शुक्रवार को मोइन-उल-हक स्टेडियम में हुए मैच में बिहार की दो अलग-अलग टीमें आए और इसके चलते एक नई कहानी उत्पन्न हो गई है। Ranji Trophy Bihar Team के इस घटनाक्रम ने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया है।
मैच के दौरान हुई तीखी नोकझोंक और अधिकारियों के बीच हुई मामूली झड़प ने मैच को अवरुद्ध कर दिया, जिससे पहले इसे पुलिस के हस्तक्षेप की जरूरत पड़ी। Ranji Trophy Bihar Team के इस मैच में हुई घटना ने आपसी विरोधों को भी उजागर कर दिया है जो खेल में नहीं, बल्कि खेल के प्रबंधन में दिख रहे हैं।
2 Ranji Trophy Bihar Team
इस मैच में दो अलग-अलग टीमें की यात्रा में Ranji Trophy Bihar Team का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों ने खुद को चुनने का दावा किया। इसके परिणामस्वरूप एक टीम को खेलने का अधिकार दिया गया जबकि दूसरी टीम को बाहर बैठाया गया। इससे ऐसा मैच हुआ जिसमें कोई भी क्रिकेटर दोनों टीमों में नहीं था, जिससे मैच की अनौपचारिकता में बहुत बड़ी गजब की घटना हुई।
Ranji Trophy Bihar Team के इस घटनाक्रम में एक टीम का चयन Bihar Cricket Association (बीसीए) के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने किया, जबकि दूसरी टीम का चयन सचिव अमित कुमार ने किया। हालांकि, इस घटना के बाद दोनों तरफ से काफी उच्छेद और आपसी आपत्तियों की बातें हो रही हैं।
Ranji Trophy Bihar Team के इस मैच में शुरूआती विकेट लेने में बिहार ने मुंबई को 235 रन पर 9 विकेट के नुकसान में डाल दिया। बिहार के लिए वीर प्रताप सिंह ने 4 विकेट लिए जबकि सकीबुल गनी और हिमांशु सिंह के खाते में 2-2 विकेट थे। मुंबई की पहली पारी में भूपेन लालवानी ने 65 रन बनाए, जबकि सुवेद पारकर और तनुश कोटियन ने 50-50 रन बनाए।
Ranji Trophy Bihar Team के इस मैच में हुई घटना ने क्रिकेट जगत में सनसनी मचा दी है और इस पर हो रही उच्छेद-वाद की चर्चा हो रही है। बीसीए के अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक ने मैच को रोककर गहरे संघर्ष की ओर पहुंचा दिया है। इसका असर खुद मैच पर भी पड़ा है और खिलाड़ियों के बीच बढ़ते विवाद की चर्चा भी हो रही है।