बिहार के छोटे धरोहर, Vaibhav Suryavanshi, Ranji Trophy में हो सकते हैं धमाल

मोइनुल हक स्टेडियम में हुआ Ranji Trophy का आयोजन और इस अवसर पर बिहार के एक नए चेहरे, 14 वर्षीय Vaibhav Suryavanshi का चर्चा में होना तबादला बन गया है। सचिन तेंदुलकर से भी कम उम्र में Ranji Trophy में अपना डेब्यू करने वाले इस बल्लेबाज ने अपनी धूमधाम से पहचान बना ली है।

शुक्रवार को पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में मुंबई और बिहार के बीच हुए Ranji Trophy के मुकाबले में बिहार टीम का कप्तान आशुतोष अमन है, जबकि सकीबुल गनी को उप-कप्तान बनाया गया है। इस मुकाबले में बिहार की टीम के इस नए सदस्य, Vaibhav Suryavanshi, की क्रिकेट जगत में बढ़ती हुई चर्चा हो रही है।

Vaibhav Suryavanshi – बिहार का नया धरोहर

Vaibhav Suryavanshi, सिर्फ 14 साल की आयु में होते हुए Ranji Trophy के लिए चयनित होने का गर्ववान रूप से उभर रहे हैं। यह छोटे धरोहर ने पहले ही बीसीसीआई के आयोजन किए गए चैलेंजर ट्रॉफी में भारत के अंडर-19 टीम का प्रतिष्ठान बढ़ाया था।

इससे पहले भी वह क्रिकेट जगत में अपनी कदमों की ध्वज बना चुके हैं। उन्होंने महज 6 साल की उम्र से क्रिकेट का संघ लेना शुरू किया था और उन्हें पूर्व रणजी खिलाड़ी मनीष ओझा ने उनकी खेल कौशल को सुधारने में मदद की है।

क्रिकेट में धूमधाम से उभरता हुआ सितारा

वैभव ने चैलेंजर ट्रॉफी के पिछले सीजन में तीन दोहरा शतक लगाए और खुद को प्रमोट किया। इस तरह की प्रदर्शन के बाद, उन्होंने महसूस किया कि Ranji Trophy में भी अपना प्रदर्शन करने का समय आ गया है।

बिहार की उम्मीद – Vaibhav Suryavanshi

बिहार की टीम में इस युवा बल्लेबाज को शामिल करने से उम्मीद है कि वह टीम को नए ऊंचाइयों तक पहुँचाएंगे। उनकी क्रिकेट की समझ, बल्ले पर कमाल की प्रदर्शनी और उनकी उम्र के हिसाब से उन्हें मौका मिलना, सचिन तेंदुलकर के साथ की जा रही तुलना बिल्कुल ठीक है।

आगे का मुकाबला

इस समय Ranji Trophy में बिहार की टीम के साथ हो रहे मुकाबले में Vaibhav Suryavanshi द्वारा बनाए जा रहे रनों के साथ ही उनकी खेलने की शैली पर भी ध्यान केंद्रित हो रहा है। वह बिहार को नए हाइस्ट रन स्कोरर बनने की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं और टीम को जीत में मदद कर सकते हैं।

इस प्रमुख खेल के आधार पर हम कह सकते हैं कि बिहार के इस नए सितारे, Vaibhav Suryavanshi, ने क्रिकेट में अपनी उच्च स्थानीयता की ओर कदम बढ़ाया है। उनकी योगदान से बिहार की टीम को नए ऊचाइयों तक पहुंचने में सहायक हो सकता है और आने वाले समय में उन्हें देश के क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक पहचान बना सकता है।

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