पिछले साल, ओडिशा के पवित्र धाम पुरी में स्थित Jagannath Mandir में नया साल न सिर्फ नए उत्साह के साथ बल्कि एक नए नियम के साथ भी आया है। जी हाँ, आज पहली जनवरी से Jagannath Mandir परिसर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं के लिए Dress Code लागू कर दिया गया है। अब मंदिर में प्रवेश के लिए शॉर्ट्स, रिप्ड जीन्स और स्कर्ट जैसे कपड़े पूर्णतः वर्जित होंगे। मंदिर प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि पुलिस और मंदिर के सेवक ऐसे कपड़े पहनने वाले किसी भी व्यक्ति पर नज़र रखेंगे।
शालीनतापूर्ण वेशभूषा पर जोर:
मंदिर के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने बताया कि श्रद्धालुओं को अब मंदिर में प्रवेश के लिए पारंपरिक परिधान जैसे ट्राउज़र पैंट, चूड़ीदार, सलवार-कमीज़ और धोती पहनकर आना होगा। उन्होंने कहा, “देश के कई तीर्थस्थानों पर इसी तरह का Dress Code लागू है। Jagannath Mandir पुलिस और मंदिर के सेवक अशोभनीय कपड़े पहनने वालों पर कड़ी नज़र रखेंगे।”
सेवकों के Dress Code का ही विस्तार:
यह कदम मंदिर प्रशासन द्वारा अक्टूबर 2021 में मंदिर के सेवकों के लिए लागू किए गए Dress Code के बाद एक महत्वपूर्ण निर्णय है। अब पुजारी धोती, तौलिया और पट्टा पहनकर ही पूजा करते हैं। दैतपाटी निजोग, मंदिर के एक प्रमुख सेवक संगठन ने, लंबे समय से श्रद्धालुओं के लिए भी Dress Code लागू करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि कई श्रद्धालु शॉर्ट्स पहनकर मंदिर आते हैं, जो अन्य श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।
संस्कृति का सम्मान, दर्शन का अधिकार:
श्री Jagannath Mandir सदियों से आस्था और परंपरा का केंद्र रहा है। वहां लाखों श्रद्धालु साल भर दर्शन के लिए आते हैं। नए Dress Code का उद्देश्य मंदिर की गरिमा को बनाए रखना और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान करना है। यह नियम सिर्फ बाहरी वेशभूषा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक स्थान की पवित्रता और माहौल को बनाए रखने का आशय है। वहीं कई श्रद्धालुओं का मानना है कि Dress Code की वजह से मंदिर में दर्शन करना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि मंदिर प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि यह नियम किसी को भी दर्शन करने से नहीं रोकेगा और सभी को सम्मान से दर्शन का अधिकार रहेगा।
नया साल, नया अध्याय:
Jagannath Mandir में लागू किया गया यह Dress Code किसी बहस का विषय बन सकता है, लेकिन मंदिर प्रशासन के अनुसार यह निर्णय आस्था और संस्कृति के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। 2024 का नया साल मंदिर के इतिहास में नया अध्याय शुरू कर रहा है, जो उम्मीद है कि सभी श्रद्धालुओं के सहयोग से सफलतापूर्वक आगे बढ़ेगा।