Vastu Tips आपके घर के लिए

हमारे घर न केवल रहने की जगह होते हैं, बल्कि वे हमारे स्वास्थ्य, खुशहाली और सफलता को भी प्रभावित करते हैं। Vastu शास्त्र, प्राचीन भारतीय Vastu विज्ञान, यह सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है कि हमारा घर सकारात्मक ऊर्जा से भरा हो। आइए, कुछ सरल Vastu युक्तियों को देखें जो आप अपने घर को सकारात्मकता से भरने के लिए अपना सकते हैं।

Vastu

भूमि का चयन:

अपने घर के लिए उपयुक्त भूमि का चयन Vastu का प्रारंभिक चरण है। एक आदर्श भूखंड चौकोर या आयताकार होना चाहिए और ढलान रहित, समतल भूमि होनी चाहिए। भूमि का पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर ढलान शुभ माना जाता है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में झुकी हुई भूमि को अशुभ माना जाता है और इससे बचना चाहिए।

प्रवेश द्वार:

मुख्य द्वार आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का द्वार है। इसे पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है। मुख्य द्वार हमेशा साफ और सुव्यवस्थित होना चाहिए। टूटे हुए दरवाजे या टूटी हुई घंटियों को तुरंत ठीक करवाना या बदल देना चाहिए। प्रवेश द्वार के सामने दर्पण लगाने से बचें, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को वापस बाहर निकाल सकता है।

रसोईघर:

Vastu में, रसोईघर अग्नि का क्षेत्र माना जाता है, इसलिए इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना सर्वोत्तम होता है। खाना पकाते समय पूर्व की ओर मुख करना शुभ माना जाता है। भोजन क्षेत्र को रसोईघर से अलग रखना चाहिए। रसोईघर में टॉयलेट या पूजा कक्ष नहीं होना चाहिए।

शयनकक्ष:

शयनकक्ष शांति और विश्राम का स्थान होता है। दक्षिण-पश्चिम दिशा शयनकक्ष के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बिस्तर को दक्षिण की ओर सिर करके रखना चाहिए। दर्पणों को शयनकक्ष के सामने नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह नींद में खलल डाल सकता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी शयनकक्ष से दूर रखना चाहिए।

पूजा कक्ष:

पूजा कक्ष को घर के पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। पूजा करते समय पूर्व या उत्तर की ओर मुख करना चाहिए। पूजा कक्ष को हमेशा साफ और सुव्यवस्थित रखना चाहिए।

स्नानघर और शौचालय:

Vastu में, स्नानघर और शौचालय को अशुभ माना जाता है। इन्हें उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। स्नानघर और शौचालय का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए।

अन्य Vastu टिप्स:

  • घर के केंद्र को हमेशा खाली रखना चाहिए। भारी वस्तुओं को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।
  • घर में टूटे हुए फर्नीचर या टूटी हुई वस्तुओं को न रखें।
  • घर में हमेशा सकारात्मक और खुशहाल वातावरण बनाए रखें।
  • नियमित रूप से सफाई करें और घर में हवा का संचार बनाए रखें।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि Vastu शास्त्र केवल एक मार्गदर्शक है और इसे धार्मिक अनुष्ठान के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार Vastu सिद्धांतों को अनुकूलित करना महत्वपूर्ण है। Vastu को अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने और रहने की जगह को शांतिपूर्ण बनाने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग करना चाहिए।

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