Vastu Shastra में घर की चारों दिशाओं का विशेष महत्व है। वास्तु के अनुसार, हर दिशा का अपना एक ऊर्जा क्षेत्र होता है, जो हमारे जीवन को विभिन्न रूप से प्रभावित करता है। इसलिए, घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने के लिए, Vastu Tips का पालन करना महत्वपूर्ण है।
Vastu Direction:
- उत्तर दिशा: यह दिशा धन, समृद्धि और सफलता के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिशा में मुख्य द्वार, पूजा घर, बैठक और बच्चों का कमरा होना शुभ होता है।
- पूर्व दिशा: यह दिशा स्वास्थ्य और ज्ञान के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिशा में रसोईघर, भोजन कक्ष और अध्ययन कक्ष होना शुभ होता है।
- दक्षिण दिशा: यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। इस दिशा में शौचालय, स्टोर रूम और कूड़ा-करकट रखना उचित होता है।
- पश्चिम दिशा: यह दिशा संतान और प्रेम के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिशा में माता-पिता का कमरा, बच्चों का कमरा और शयनकक्ष होना शुभ होता है।
Vastu Tips:
- मुख्य द्वार: वास्तु के अनुसार, घर का मुख्य द्वार हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। द्वार के सामने कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।
- रसोईघर: रसोईघर आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में होना चाहिए। रसोईघर में चूल्हा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- पूजा घर: पूजा घर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में होना चाहिए। पूजा घर में भगवान की मूर्तियाँ पूर्व या उत्तर दिशा में रखी जानी चाहिए।
- शयनकक्ष: शयनकक्ष पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। बिस्तर दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए।
- स्नानघर: स्नानघर दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। शौचालय का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए।
Vastu Direction का पालन करके आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रख सकते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
Vastu Direction के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप किसी Vastu Consultant से संपर्क कर सकते हैं।
यह भी ध्यान रखें:
- वास्तु का पालन करते समय अपने घर की वास्तविक स्थिति और अपनी आवश्यकताओं का ध्यान रखें।
- वास्तु में बताए गए सभी नियमों का पालन करना संभव नहीं होता है। इसलिए, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने का प्रयास करें।
- वास्तु एक ज्योतिषीय विद्या है। इसलिए, Vastu Tips का पालन करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होता है।