भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को गति देने की दिशा में एक बड़ी खबर सामने आई है। ऐसी संभावना है कि प्रमुख इलेक्ट्रिक कार निर्माता Tesla जनवरी में होने वाले Vibrant Gujrat Summit के दौरान भारत में अपने विनिर्माण संयंत्र की स्थापना की योजना की घोषणा करेगी। इस समिट में Tesla के सीईओ एलोन मस्क भी उपस्थित रहेंगे। गुजरात को Tesla की निर्यात-उन्मुख रणनीति के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है।
खबरों के अनुसार, Tesla संभावित रूप से $2 बिलियन तक का निवेश करने के लिए तैयार है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार संयंत्र के पहले दो वर्षों के संचालन के दौरान इंपोर्टेड वाहनों पर रियायती 15% सीमा शुल्क लागू करे।
गुजरात: निर्यात उन्मुख रणनीति के लिए उपयुक्त स्थल
अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात Tesla की निर्यात-उन्मुख रणनीति के साथ पूरी तरह से मेल खाता है, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मांगों को पूरा करेगा। इससे पहले, कंपनी गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु पर विचार कर रही थी, जिन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों और निर्यात के लिए सुगठित पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जाना जाता है। गुजरात सरकार के प्रवक्ता रुशिकेश पटेल ने बृहस्पतिवार को इस आशा को व्यक्त किया कि Tesla के सीईओ एलोन मस्क गुजरात में निवेश पर विचार करेंगे, उन्होंने सरकारी प्रोत्साहन पर भी जोर दिया।
उच्च आयात शुल्क: टोकरो का रोड़ा
Tesla वर्तमान में उच्च आयात शुल्क के कारण सीधे भारत में कारों का आयात नहीं करती है। हालांकि, Tesla भारत सरकार को प्रस्ताव दे रही है कि अगर सरकार पहले दो वर्षों के दौरान इंपोर्टेड वाहनों पर रियायती 15% सीमा शुल्क लागू करती है तो वह भारत में $2 बिलियन तक का निवेश करने को तैयार है।
सरकार और Tesla के बीच प्रमुख चर्चा
- भारत सरकार रियायती आयात शुल्क की अवधि को Tesla द्वारा प्रस्तावित अवधि से कम करने पर विचार कर रही है।
- Tesla अगले दो वर्षों में मेड-इन-इंडिया कारों के मूल्य का 20% तक स्थानीयकरण करने को तैयार है, जिसे चार वर्षों में बढ़ाकर 40% तक किया जाएगा।
- भारत वर्तमान में $40,000 से अधिक की लागत, बीमा और माल ढुलाई मूल्य वाली कारों पर 100% आयात शुल्क और उससे कम कीमत वाली कारों पर 70% शुल्क लगाता है।
- Tesla शुरू में अपने मॉडल 3, मॉडल Y और एक नया हैचबैक भारत में बेचना चाहती है, जिनकी कीमत क्रमश: 32 लाख, 36 लाख और 20 लाख रुपये है। रियायती आयात शुल्क मिलने पर मॉडल 3 और मॉडल Y की कीमत क्रमश: 38 लाख और 43 लाख रुपये हो सकती है।
गुजरात में Tesla संयंत्र भारत के ईवी क्षेत्र के लिए गेम चेंजर होगा
यदि Tesla का गुजरात संयंत्र स्थापित होता है तो यह भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा। इससे न केवल घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि निर्यात के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार होगा। हालांकि, सरकार और Tesla के बीच आयात शुल्क और स्थानीयकरण पर अभी भी चर्चा चल रही है, लेकिन यदि Tesla का गुजरात संयंत्र स्थापित होता है तो यह भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा।
- घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ेगी। Tesla भारत में सबसे लोकप्रिय इलेक्ट्रिक वाहन ब्रांडों में से एक है। कंपनी के भारत में संयंत्र स्थापित होने से घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे भारतीय उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का अवसर मिलेगा।
- निर्यात के लिए एक मजबूत आधार तैयार होगा। Tesla की भारत में संयंत्र स्थापित होने से भारत को एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्यातक बनने में मदद मिलेगी। भारत में उत्पादित इलेक्ट्रिक वाहन दुनिया भर के बाजारों में प्रतिस्पर्धी होंगे।
- भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। Tesla का गुजरात संयंत्र भारत के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश होगा। यह न केवल प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में अप्रत्यक्ष रूप से भी योगदान देगा।
हालांकि, सरकार और Tesla के बीच आयात शुल्क और स्थानीयकरण पर अभी भी चर्चा चल रही है।
- आयात शुल्क: सरकार रियायती आयात शुल्क की अवधि को Tesla द्वारा प्रस्तावित अवधि से कम करने पर विचार कर रही है। Tesla का मानना है कि रियायती आयात शुल्क की अवधि कम से कम पांच वर्ष होनी चाहिए।
- स्थानीयकरण: Tesla अगले दो वर्षों में मेड-इन-इंडिया कारों के मूल्य का 20% तक स्थानीयकरण करने को तैयार है, जिसे चार वर्षों में बढ़ाकर 40% तक किया जाएगा। सरकार का मानना है कि स्थानीयकरण की मात्रा को और बढ़ाया जाना चाहिए।
इन मुद्दों पर समझौता करने के बाद ही Tesla का गुजरात संयंत्र स्थापित हो पाएगा।