भारतीय साहित्य और शायरी की धारा में अपनी अनूठी पहचान बनाने वाले मशहूर शायर Munawwar Rana का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। Munawwar Rana जी का निधन लखनऊ के पीजीआई में हुआ, जहां उनका इलाज चल रहा था। उनकी स्वास्थ्य स्थिति कई दिनों से नाजुक थी, और उन्हें 9 जनवरी को तबीयत बिगड़ने के बाद आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
शायरी की दुनिया में एक मकबूल नाम के शायर का आज शांत हो गया है, जिन्होंने अपनी अद्वितीय रचनाओं से सदीयों तक लोगों को गहरी भावनाओं में लिपटा रखा। इनकी असली धुन को सुनकर भाषा कला के प्रेमी उनके विचारों में खो जाते थे।
शायर Munawwar Rana का दिल का दौरा लगभग एक सप्ताह पहले हुआ था, जिसके बाद उन्हें लखनऊ के पीजीआई में चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी थी। उनकी बेटी सुमैया ने इस दुःखद घड़ी में उनकी जवाहिरात करते हुए बताया, “आज एक मकबूल आवाज शांत हो गई है। मेरे पिता, मशहूर शायर Munawwar Rana, का देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है।” उनकी अस्थि यात्रा का आयोजन सोमवार को होगा।
Munawwar Rana जी का निधन साहित्य और कला के क्षेत्र में एक बड़ी कमी को छोड़ गया है, जिन्होंने अपने शब्दों के जादू से लाखों दिलों को छूने का कमाल किया।
Munawwar Rana शायर की जीवनी:
Munawwar Rana ने अपने शायरी के माध्यम से लोगों के दिलों को छूने का कारगर तरीका अपनाया था। उन्होंने उर्दू, हिंदी और अवधी भाषा में अपनी कलम की कहानी लिखी। इन्होंने अपनी गजलों के माध्यम से समस्त समाज को एक सबक सिखाया कि साहित्य की भाषा से ही असली दर्द और भावनाएं स्पष्ट हो सकती हैं।
2014 में उन्हें भारतीय साहित्य और भाषा कला के क्षेत्र में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। साल 2012 में उन्हें माटी रतन सम्मान से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही, उन्हें शहीद शोध संस्थान द्वारा भी माटी रतन सम्मान से सम्मानित किया गया था।
Munawwar Rana की कलम:
Munawwar Rana ने अपनी कलम से नारदृष्टि और समाज में बदलाव के संकेत किए। उनकी शायरी में जीवन के अद्वितीय पहलुओं, मोहब्बत और समाज के उथल-पुथल को छूने का खास तरीका था। उनकी गजलों में छिपे गहरे भाव और आत्मविश्वास का अद्वितीय संबंध था।
विवादों में शायर:
Munawwar Rana का नाम विवादों से जुड़ा हुआ है, जिनमें 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का एक महत्वपूर्ण क्षण शामिल है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भयानक आरोप लगाए थे, कहते हुए कि अगर वह दोबारा से मुख्यमंत्री बने तो वह उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था, “मेरे पिता ने पाकिस्तान जाने मंजूर नहीं किया लेकिन अब बड़े दुःख के साथ मुझे यह शहर, यह प्रदेश, अपनी मिट्टी को छोड़ना पड़ेगा।” इसके परंतु, ये वाद बाद में स्वीकृति नहीं प्राप्त कर सके।
साल 2021 में, Munawwar Rana ने अपने बेटे तबरेज पर हुई फायरिंग के बाद जान को खतरा बताते हुए गंभीर सवाल उठाए थे। इसके अलावा, कार्टून विवाद को लेकर भी उन्होंने कुछ विवादित ट्वीट किए थे, जो बाद में हटा दिए गए थे।
कौन थे Munawwar Rana?
Munawwar Rana ने शायरी के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने का अद्वितीय तरीका अपनाया था। उन्होंने अपनी रचनाओं से साहित्य जगत में कई पुरस्कारों को जीता और अनेक साहित्यिक समारोहों में भाग लिया। उनका निधन एक युग के समापन का एक दुखद घड़ी है, जिससे साहित्य जगत में एक अद्वितीय कवि की कमी महसूस होगी।