Sarfaraz Khan का सपना था, भारत की टेस्ट टीम में शामिल होने का। और जब उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ 2वें टेस्ट के लिए मैदान बुलाया गया, तो उनकी आँखों में आँसू थे। Sarfaraz Khan ने कहा कि उन्होंने भारत की टीम में शामिल होने का इंतजार करते-करते उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन जब यह कॉल आया, तो वह भारत के लिए अपना पहला टेस्ट खेलने के लिए तैयार है।
Sarfaraz Khan के टेस्ट टीम में शामिल होने का इंतजार बहुती लम्बा रहा था। उन्होंने इस बारीकियों से भरी मेहनत और देशवासियों के साथ अपने संबंध को बनाए रखा। 2022/23 के रणजी ट्रॉफी में उन्होंने छह मैचों में 556 रन बनाए और इस सीजन में और भी अच्छे प्रदर्शन किए। उन्होंने दो रणजी ट्रॉफी संस्करणों में कुल 1910 रन बनाए और इस दौरान उनकी औसत 136.42 रही।
Sarfaraz Khan in Test
इस बारीकियों भरे सफलता के बाद, Sarfaraz Khan को अंत में टेस्ट टीम में बुलाया गया है और उसके लिए यह इंतजार का फल है। “यह खेल सब्र का खेल है। अगर हमें टेस्ट क्रिकेट खेलना है, तो हमें सब्र करना होगा। जीवन में ऐसे समय होते हैं जब हम खुद को जल्दी करते हैं। मैं टीम में शामिल होने के लिए इंतजार करते-करते आँसू बहा देता था। मेरे पिताजी हमेशा कहते थे ‘मेहनत करते रहो और तुम अटल हो जाओगे’। आत्म-विश्वास और सब्र रखना बहुती महत्वपूर्ण है। मैं अपने पिताजी के लिए खुश हूँ। इस भारतीय टीम का हिस्सा बनना गर्व की बात है, जो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में,” उन्होंने बीसीसीआई द्वारा अपलोड किए गए एक वीडियो में कहा।
उनकी बातों से स्पष्ट है कि Sarfaraz Khan के लिए इस समय तक का इंतजार बहुती कठिन रहा होगा, लेकिन उन्होंने उसे बड़े होकर खुद में सब्र और आत्म-विश्वास की महत्वपूर्णता सिखाई है। वह यह साबित करते हैं कि धैर्य और मेहनत के साथ आप किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं और एक दिन अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।
इस खास मौके पर Sarfaraz Khan के लिए यह एक अद्वितीय क्षण होगा, जिसमें वह भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा बनेंगे और देश का नाम रोशन करेंगे। उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद, यह कल्पना भी संजीवनी बूती की भाँति कारगर साबित हुई है और उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद, यह कल्पना भी संजीवनी बूती की भाँति कारगर साबित हुई है और उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद, यह कल्पना भी संजीवनी बूती की भाँति कारगर साबित हुई है।