भारतीय कुश्ती में सुधार के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने पहल की है। IOA ने निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के लिए 3 सदस्यीय तदर्थ कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का नेतृत्व भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा करेंगे। कमेटी के अन्य सदस्य पूर्व हॉकी ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी मंजुषा कंवर हैं।
WFI के निलंबन की वजह
WFI के निलंबन की वजह यह है कि नए अध्यक्ष संजय सिंह ने कई मनमाने फैसले किए। उन्होंने कई पदाधिकारियों को पद से हटा दिया और उनके बदले अपने समर्थकों को नियुक्त कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने कई प्रतियोगिताओं के आयोजन में भी बदलाव किए। इन फैसलों से खिलाड़ियों और पूर्व खिलाड़ियों में नाराजगी बढ़ गई।
तदर्थ कमेटी के काम
तदर्थ कमेटी के पास WFI के सभी कार्यों का संचालन करने का अधिकार होगा। इसमें खिलाड़ियों का चयन, खेल गतिविधियों का आयोजन, बैंक खातों का संचालन और वेबसाइट का प्रबंधन शामिल हैं। कमेटी का कार्यकाल 6 महीने का होगा।
कमेटी के लक्ष्य
तदर्थ कमेटी का लक्ष्य भारतीय कुश्ती में सुधार करना है। कमेटी के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि “यह ओलंपिक का साल है और हमें अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। हम जल्द ही शिविर के साथ सभी सीनियर और जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन करेंगे जिससे पेरिस ओलंपिक में हमारे पदक जीतने की संभावना ज्यादा हो सके। हमारा लक्ष्य ओलंपिक में अपने देश के लिए अधिकतम पदक जीतना है क्योंकि यह भारत में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है।”
पूर्व खिलाड़ियों को मिली जिम्मेदारी
तदर्थ कमेटी में पूर्व खिलाड़ियों को शामिल करने का मतलब है कि IOA भारतीय कुश्ती में सुधार के लिए गंभीर है। पूर्व खिलाड़ी कुश्ती के नियमों और रीति-रिवाजों से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं। इसलिए, उन्हें इस जिम्मेदारी को निभाने में आसानी होगी।
भारतीय कुश्ती में सुधार के लिए IOA की यह पहल सराहनीय है। उम्मीद है कि तदर्थ कमेटी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगी और भारतीय कुश्ती भी क्रिकेट समान फिर से विश्व पटल पर पहुंचाएगी।